141 उम्मीदवारों को संसद भवन से निलंबित कराया गया

सुप्रिया सुले को संसद रत्न 7 बार और संसद महारत्न 2 बार से सम्मानित किया गया है। उन्हें संसद में जिम्मेदार प्रतिनिधित्व के लिए जाना जाता है। वंदनाताई चव्हाण, मोहम्मद फैजल, और डॉ। अमोल कोल्हे के साथ ही उनकी दिल्ली में हो रही हिवाळी सत्र में निलंबन पर आलोचना हो रही है। संसद की सुरक्षा में भाजपा सदस्य की एक गलती के कारण सरकार की कार्रवाई की नकारात्मकता उठ रही है। मांगों के बावजूद, संसद ने इस मामले पर चर्चा नहीं की है। सरकार की तानाशाही इस बात का सबूत है कि उन्होंने केवल विपक्षी सदस्यों को ही नहीं निलंबित किया है, बल्कि संसद को भी निलंबित कर दिया गया है। भारतीय संविधान के रचनाकार डॉ। बाबासाहेब आंबेडकर का उद्देश्य भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करना था, लेकिन वर्तमान सरकार के कार्यों से यह खतरे में है। यह तानाशाही न केवल भारतीय लोकतंत्र के खिलाफ है, बल्कि लोगों को संविधान विरोधी गतिविधियों के बारे में जागरूक कर रही है। सरकार ने सिर्फ सदस्यों को ही नहीं निलंबित किया है, बल्कि सीधे संसद को भी निलंबित कर दिया गया है, जो लोकतंत्र के खिलाफ सीधा हमला है।